स्तन कैंसर महिलाओं में होने वाला सबसे आम कैंसर है, और पुरुषों में भी यह हो सकता है, हालांकि दुर्लभ रूप से। यह तब होता है जब स्तन कोशिकाओं में असामान्य वृद्धि होने लगती है और वे अनियंत्रित रूप से विभाजित होकर ट्यूमर बना लेती हैं। स्तन कैंसर के बारे में जागरूकता और जल्दी पता लगाना महत्वपूर्ण है क्योंकि शुरुआती चरणों में इसका इलाज अधिक प्रभावी होता है।
इस ब्लॉग पोस्ट में, हम स्तन कैंसर के विभिन्न पहलुओं पर गहराई से विचार करेंगे, जिनमें इसके लक्षण, प्रकार, कारण और उपचार शामिल हैं।
स्तन कैंसर के लक्षण:
स्तन कैंसर के शुरुआती चरणों में, आमतौर पर कोई दर्द नहीं होता है, और कुछ मामलों में, कोई स्पष्ट लक्षण भी नहीं होते हैं। हालांकि, नियमित रूप से अपने स्तनों की जांच करना और निम्नलिखित लक्षणों पर ध्यान देना महत्वपूर्ण है:

- स्तन में गांठ या मोटाई: यह सबसे आम लक्षण है। गांठ छूने में कठोर लग सकती है या यह आसपास के ऊतक से अलग महसूस हो सकती है।
- निप्पल में बदलाव: निप्पल अंदर की ओर मुड़ना (इन्वर्ट होना), निप्पल से खून या तरल पदार्थ का निकलना (बिना स्तनपान के), निप्पल की त्वचा में पपड़ी जमना या लालिमा आना।
- स्तन के आकार या आकृति में परिवर्तन: एक स्तन दूसरे स्तन से बड़ा या छोटा दिखना, या स्तन की त्वचा में डिंपल या झुर्रियाँ दिखाई देना।
- स्तन की त्वचा में बदलाव: लालिमा, सूजन, संतरे के छिलके जैसी बनावट (ऑरेंज पील)।
- बगल (अंडरआर्म) में गांठ: बगल में सूजन वाली ग्रंथियाँ महसूस होना।
- स्तन में दर्द: हालांकि स्तन दर्द आमतौर पर कैंसर का लक्षण नहीं होता है, लेकिन लगातार बना रहने वाला और अस्पष्टीकृत दर्द कैंसर का संकेत हो सकता है।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि इनमें से कई लक्षण अन्य स्थितियों के कारण भी हो सकते हैं, जैसे कि फाइब्रोसिस्टिक स्तन रोग या संक्रमण। इसलिए, यदि आप इनमें से कोई भी लक्षण अनुभव करते हैं, तो डॉक्टर से सलाह लेना महत्वपूर्ण है।
स्तन कैंसर के प्रकार:
स्तन कैंसर कई प्रकार के होते हैं, जिन्हें दो मुख्य श्रेणियों में विभाजित किया जा सकता है: गैर-आक्रामक (इन सीटू) और आक्रामक।
- गैर-आक्रामक (इन सीटू) स्तन कैंसर:
- डक्टल कार्सिनोमा इन सीटू (DCIS): यह कैंसर दूध नलिकाओं (डक्ट्स) में सीमित होता है और स्तन के अन्य भागों में नहीं फैलता है।
- लोब्युलर कार्सिनोमा इन सीटू (LCIS): यह कैंसर दूध उत्पादन करने वाली ग्रंथियों (लोब्यूल्स) में बनता है, लेकिन यह आक्रामक कैंसर नहीं है। हालांकि, LCIS होने से भविष्य में आक्रामक स्तन कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है।
- आक्रामक स्तन कैंसर:
- आक्रामक डक्टल कार्सिनोमा (IDC): यह सबसे आम प्रकार का स्तन कैंसर है। यह दूध नलिकाओं से शुरू होता है और स्तन के अन्य भागों में फैल सकता है।
- आक्रामक लोब्युलर कार्सिनोमा (ILC): यह कैंसर दूध उत्पादन करने वाली ग्रंथियों से शुरू होता है और स्तन के अन्य भागों में फैल सकता है।
- अन्य दुर्लभ प्रकार: इनके अलावा मेडुलरी कार्सिनोमा, म्यूसिनस कार्सिनोमा, पैपिलरी कार्सिनोमा और इन्फ्लेमेटरी ब्रेस्ट कैंसर जैसे दुर्लभ प्रकार के स्तन कैंसर भी होते हैं।
स्तन कैंसर को हार्मोन रिसेप्टर स्थिति (एस्ट्रोजन रिसेप्टर (ER), प्रोजेस्टेरोन रिसेप्टर (PR)) और HER2 (ह्यूमन एपिडर्मल ग्रोथ फैक्टर रिसेप्टर 2) स्थिति के आधार पर भी वर्गीकृत किया जाता है। यह जानकारी डॉक्टरों को सबसे प्रभावी उपचार योजना निर्धारित करने में मदद करती है।
स्तन कैंसर के कारण और जोखिम कारक:
स्तन कैंसर का सटीक कारण अभी तक पूरी तरह से समझ में नहीं आया है, लेकिन कई जोखिम कारक हैं जो इसके विकास की संभावना को बढ़ा सकते हैं:
- लिंग: महिलाएं पुरुषों की तुलना में स्तन कैंसर विकसित होने की अधिक संभावना रखती हैं।
- उम्र: उम्र बढ़ने के साथ स्तन कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।
- पारिवारिक इतिहास: यदि आपकी माँ, बहन या बेटी को स्तन कैंसर हुआ है, तो आपको भी यह होने का खतरा बढ़ जाता है। BRCA1 और BRCA2 जैसे विशिष्ट जीन में उत्परिवर्तन (म्यूटेशन) स्तन कैंसर के खतरे को काफी बढ़ा सकते हैं।
- व्यक्तिगत इतिहास: यदि आपको पहले कभी स्तन कैंसर हुआ है, तो आपको दोबारा होने का खतरा बढ़ जाता है।
- घनत्वपूर्ण स्तन ऊतक: जिन महिलाओं के स्तन ऊतक घने होते हैं, उनमें स्तन कैंसर का पता लगाना मुश्किल होता है, और उन्हें स्तन कैंसर होने का खतरा भी अधिक होता है।
- हार्मोन का स्तर: लंबे समय तक एस्ट्रोजन के संपर्क में रहने से स्तन कैंसर का खतरा बढ़ सकता है। यह शुरुआती मासिक धर्म, देर से रजोनिवृत्ति या हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी (HRT) के उपयोग के कारण हो सकता है।
- रेडिएशन एक्सपोजर: छाती पर विकिरण उपचार (जैसे कि लिम्फोमा के लिए) लेने से स्तन कैंसर का खतरा बढ़ सकता है।
- मोटापा: रजोनिवृत्ति के बाद, मोटापा स्तन कैंसर के खतरे को बढ़ा सकता है।
- शराब का सेवन: शराब का अधिक सेवन स्तन कैंसर के खतरे को बढ़ाता है।
- शारीरिक निष्क्रियता: नियमित रूप से व्यायाम न करने से स्तन कैंसर का खतरा बढ़ सकता है।
- धूम्रपान: कुछ अध्ययनों से पता चला है कि धूम्रपान करने वाली महिलाओं में स्तन कैंसर का खतरा थोड़ा बढ़ जाता है।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि इनमें से कई जोखिम कारक संशोधित किए जा सकते हैं, जैसे कि स्वस्थ वजन बनाए रखना, शराब का सेवन सीमित करना और नियमित रूप से व्यायाम करना।
स्तन कैंसर का उपचार:
स्तन कैंसर का उपचार कई कारकों पर निर्भर करता है, जिसमें कैंसर का प्रकार, चरण, हार्मोन रिसेप्टर स्थिति, HER2 स्थिति और व्यक्ति का समग्र स्वास्थ्य शामिल है। उपचार विकल्पों में शामिल हैं:
- सर्जरी:
- लम्पेक्टॉमी (Breast-conserving surgery): इस प्रक्रिया में, केवल ट्यूमर और आसपास के कुछ स्वस्थ ऊतक को हटाया जाता है।
- मास्टेक्टॉमी: इस प्रक्रिया में पूरे स्तन को हटाया जाता है। विभिन्न प्रकार की मास्टेक्टॉमी होती हैं, जैसे कि सिंपल मास्टेक्टॉमी, मॉडिफाइड रेडिकल मास्टेक्टॉमी और स्किन-स्पैरिंग मास्टेक्टॉमी।
- लिम्फ नोड बायोप्सी/डिसेक्शन: कैंसर बगल के लिम्फ नोड्स में फैल गया है या नहीं, यह निर्धारित करने के लिए लिम्फ नोड्स को हटाया जा सकता है।
- रेडिएशन थेरेपी (Radiation therapy): इस उपचार में कैंसर कोशिकाओं को मारने के लिए उच्च-ऊर्जा किरणों का उपयोग किया जाता है। यह सर्जरी के बाद शेष कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करने के लिए या उन्नत स्तन कैंसर के लक्षणों को कम करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।
- कीमोथेरेपी (Chemotherapy): इस उपचार में कैंसर कोशिकाओं को मारने के लिए दवाओं का उपयोग किया जाता है। यह सर्जरी से पहले ट्यूमर को सिकोड़ने के लिए या सर्जरी के बाद शेष कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।
- हार्मोन थेरेपी (Hormone therapy): इस उपचार में हार्मोन रिसेप्टर-पॉजिटिव स्तन कैंसर कोशिकाओं को बढ़ने से रोकने के लिए दवाओं का उपयोग किया जाता है। टैमोक्सीफेन (Tamoxifen) और एरोमाटेस इन्हिबिटर्स (Aromatase inhibitors) हार्मोन थेरेपी की दवाएं हैं।
- टारगेटेड थेरेपी (Targeted therapy): इस उपचार में कैंसर कोशिकाओं में विशिष्ट अणुओं को लक्षित करने के लिए दवाओं का उपयोग किया जाता है। उदाहरण के लिए, HER2-पॉजिटिव स्तन कैंसर के लिए, ट्रैस्टुज़ुमाब (Trastuzumab) नामक दवा का उपयोग किया जाता है।
- इम्यूनोथेरेपी (Immunotherapy): यह उपचार शरीर की अपनी प्रतिरक्षा प्रणाली को कैंसर कोशिकाओं से लड़ने में मदद करता है। यह स्तन कैंसर के कुछ प्रकारों के लिए एक अपेक्षाकृत नया उपचार विकल्प है।
डॉक्टर आपको सबसे उपयुक्त उपचार योजना निर्धारित करने में मदद करेंगे। उपचार के दौरान और बाद में, आपको नियमित रूप से फॉलो-अप अपॉइंटमेंट और स्क्रीनिंग की आवश्यकता होगी।
निष्कर्ष:
स्तन कैंसर एक गंभीर बीमारी है, लेकिन जल्दी पता लगने और उचित उपचार से कई महिलाओं को ठीक किया जा सकता है। नियमित रूप से अपने स्तनों की जांच करना, जोखिम कारकों के बारे में जागरूक रहना और यदि आपको कोई चिंता है तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लेना महत्वपूर्ण है।
यह जानकारी केवल सामान्य ज्ञान के लिए है और चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं माना जाना चाहिए। कृपया अपने डॉक्टर से व्यक्तिगत चिकित्सा सलाह लें।
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